SBI, PNB और CANARA BANK के ग्राहकों के लिए फरवरी में लागू होंगे ये 4 अहम नियम, तुरंत जानें
बैंक खाता धारकों के लिए बड़ी खुशखबरी! 1 फरवरी से लागू होंगे 4 नए नियम, जो SBI, PNB, CANARA BANK जैसे प्रमुख बैंकों पर लागू होंगे। ये नियम बैंकिंग सेवाओं को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी, और ग्राहक-केंद्रित बनाने के उद्देश्य से लाए जा रहे हैं। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देना और बैंकिंग प्रक्रियाओं को सरल बनाना है।
इन नए नियमों के तहत, न्यूनतम बैलेंस सीमा में बदलाव किया जाएगा, जिससे ग्राहकों को अपने बचत खातों में अधिक राशि रखनी होगी। इसके अलावा, एटीएम ट्रांजैक्शन की संख्या सीमित कर दी जाएगी, जिसके बाद अतिरिक्त लेन-देन पर शुल्क लगेगा। चेकबुक शुल्क भी बढ़ाया जाएगा और डिजिटल लेन-देन पर विशेष छूट दी जाएगी।
इन बदलावों से न केवल बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, बल्कि ग्राहकों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि, कुछ ग्राहकों को इन नियमों के कारण आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
इन नए नियमों के बारे में विस्तार से जानना जरूरी है ताकि आप अपने बैंकिंग अनुभव को बेहतर बना सकें।
न्यूनतम बैलेंस सीमा में बदलाव
अब ग्राहकों को अपने बचत खातों में अधिक राशि रखनी होगी। SBI के लिए न्यूनतम बैलेंस 3,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया जाएगा, PNB के लिए यह सीमा 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,500 रुपये हो जाएगी, और Canara Bank के लिए यह सीमा 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये होगी। अगर आप इस सीमा का पालन नहीं करते हैं, तो आपको जुर्माना देना पड़ सकता है।
एटीएम ट्रांजैक्शन लिमिट में बदलाव
अब मेट्रो शहरों में महीने में केवल 3 मुफ्त एटीएम ट्रांजैक्शन की अनुमति होगी, जबकि गैर-मेट्रो शहरों में यह संख्या 5 होगी। इसके बाद हर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर शुल्क लगेगा। मेट्रो शहरों में यह शुल्क 25 रुपये हो सकता है, जबकि गैर-मेट्रो शहरों में यह 20 रुपये हो सकता है। गैर-होम बैंक एटीएम से पैसे निकालने पर भी शुल्क लगेगा।
चेकबुक शुल्क में बदलाव
अब पहली चेकबुक मुफ्त होगी, लेकिन अतिरिक्त चेकबुक के लिए आपको 50 रुपये का शुल्क देना होगा। यह कदम डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
डिजिटल लेन-देन पर विशेष छूट
UPI और NEFT ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा, जबकि RTGS ट्रांजैक्शन पर 2 रुपये की छूट दी जाएगी। यह कदम डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है।