सैन्य विमान में अपराधियों की तरह नागरिकों को भेजना कितना जायज?
ट्रंप द्वारा अप्रवासियों को देश से बाहर भेजने के तरीकों पर उठते सवालों के बीच आज आपको एक ऐसे छोटे से देश के बारे में भी बताते हैं जो अपने नागरिकों के गरिमा के लिए ट्रंप से भी भिड़ते नजर आए थे।
5 फरवरी का दिन दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए करो में लगे हुए थे। दूसरी तरफ देश की राजधानी से किलोमीटर दूर प्रयागराज के संगम तट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गंगा में डुबकी लगाते हुई तस्वीर है सामने आ रही थी। लेकिन इन दोनों ही राजनीतिक और आस्था से जुड़ी खबरों के बीच अमृतसर में भारतीय नागरिकों को लेकर अमेरिका का सैन्य विमान ग्लोब मास्टर सी17 लैंड करता है। ट्रंप प्रशासन ने यह कदम प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले उठाया है। हाल में ट्रंप और मोदी की फोन पर हुई बातचीत में अवैध प्रवास, व्यापार संतुलन और अमेरिका से रक्षा खरीद पर चर्चा हुई थी। पंजाब के प्रवासी मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि कई भारतीय वर्क परमिट पर अमेरिका जाते हैं और परमिट खत्म होने पर वे अवैध प्रवासी बन जाते हैं। मैं इस बारे में अगले हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलूंगा और समस्या के समाधान को कहूंगा। लेकिन भारत में अवैध प्रवासियों को सैन्य विमान में भेजे जाने के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष की ओर से संसद में खड़े होकर अबकी बार ट्रंप सरकार के नारे के साथ केंद्र सरकार से सवाल पूछे जाने लगे हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से हथकड़ी लगाकर भारतीयों के साथ इस तरह का व्यवहार किए जाने को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। ट्रंप द्वारा अप्रवासियों को देश से बाहर भेजने के तरीकों पर उठते सवालों के बीच आज आपको एक ऐसे छोटे से देश के बारे में भी बताते हैं जो अपने नागरिकों के गरिमा के लिए ट्रंप से भी भिड़ते नजर आए थे।
कहां से शुरू हुआ डिपोर्टेशन ?
ट्रंप ने राष्ट्रपति ननते ही कई ऐसे शासकीय आदेशों पर दस्तखत किए थे जिनका अजेंडा अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई करने को लेकर था। मोटे तौर पर उन्होंने उस सिस्टम में बदलाव किया, जिसके तहत अब तक अमेरिका में इमिग्रेशन को हैंडल किया जा रहा था। कई उड़ानों में ब्राजील समेत कई देशों के अवैध प्रवासियों को वापस भेजा गया। बीते दिनों मीडिया में इस तरह की रिपोर्ट भी आई भी कि भारत करीब 18 हजार ऐसे भारतीयों को अमेरिका से वापस लेने के लिए यूएस से सहयोग करेगा, जिनके पास वहां राहने को लेकर सह कागज नहीं हैं।
कोलंबिया ने अमेरिकी विमान को बैरंग लौटाया, फिर भेजा अपना प्लेन
कोलंबिया के राष्ट्रपति ने अपनी धरती पर अमेरिका के सैनिक विमान को उतरने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को हथकड़ी में डालना उनके साथ अपराधियों जैसा बर्ताव करना है। यह उनकी गरिमा का हनन है और सेना की कार्रवाई प्रोटोकॉल का उल्लंघन है जब ट्रंप ने टैरिफ लगाने की धमकी दी, तब कोलंबिया के राष्ट्रपति पेट्रो को पीछे हटना पड़ा। लेकिन तब भी उन्होंने अपने नागरिकों को देश वापस लाने के लिए अमेरिका तक अपनी वायु सेवा की विमान भेजें और अपने नागरिकों को बुलाया। अमेरिका के विमान को स्वीकार नहीं किया। कोलंबिया ने अपने नागरिकों के गरिमापूर्ण वापसी के लिए बकायदा एक कमेटी भी बनाई। कोलंबिया के राष्ट्रपति ने इन अवैध प्रवासियों को अपनी नजर से देखा। अपने नागरिकों का स्वागत करते हुए कहा कि माइग्रेंट होना अपराध नहीं है। यह सच भी है कि किसी भी देश की धरती पर किसी दूसरे देश का सैन्य विमान उनके ही नागरिकों को अपराधियों की तरह लेकर उतरे इस तरह की तस्वीर किसी को भी अच्छी नहीं लगेगी।
आप मुझे मार सकते हैं लेकिन मैं लोगों में जीवित रहूंगा
कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने सीधे संदेश देते हुए ट्रंप को आईना भी दिखाया। उन्होंने कहा कि ट्रम्प, आपकी लालव मानवता को तबाह कर देगी। शायद एक दिन व्हिस्की के गिलास के साथ हम इस बारे में खुलकर बात कर सकते है लेकिन यह मुश्किल है क्योंकि आप मुझे हीन मानते हैं जो मैं नहीं है और नहीं कोई कोलबियाई है। हां अगर आप किसी जिदी व्यक्ति की तलाश में है तो वह मैं हूं। कोलंबिया दुनिया का दिल है और आप इसे समझ नहीं पाए। हमारे लोग थोड़े शमीर्ले, भोले और दयालु है लेकिन वे पनामा नहर को वापस लेना जानते है जिसे आपने हमसे जबरन छीन लिया। कोलंबिया सुंदरता की धरती है। इसे अपमानित मत कीजिए। यह आपको अपनी मिठास दिखाएगी।
सैन्य विमान का प्रयोग करने के पीछे का मकसद
अमेरिकी मीडिया में बहस चल रही है कि ट्रंप जानबूझकर सैन्य विमान का इस्तेमाल कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि अमेरिका पड़ोसी देशों की जमीन पर अपना सैनिक विमान उतार रहा है। विमान का उतरना यह भी याद दिला रहा है कि कभी इन देशों में राजनीतिक अस्थिरता पैदा की गई थी। यह विमान उन देशों को भी चुनौती है कि अमेरिका का प्रभुत्व स्वीकार कर लें। सैन्य विमान से नागरिकों को भेजने का मकसद यह भी दिखाना है कि यह सारे अपराधी हैं। ट्रंप अपने चुनावी प्रचार में अमेरिका में घुसने वाले अवैध लोगों को अपराधी और एलियन कहते थे। ट्रंप ने भारत के अलावा ब्राजील, ग्वाटेमाला, पेरू और होंडूरास तक सेना के जहाज से उनके नागरिकों को भेजा है। सेना के विमान से अवैध प्रवासियों को उनके देश भेजने के फैसले को लेकर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की खासी निंदा भी की गई है।
कांग्रेस ने क्या दावा किया
अमेरिका से अवैध प्रवासियों को वापस भेजे जाने के बीच कांग्रेस ने कहा कि भारतीय नागरिकों को हथकड़ी लगाकर और अपमानित करके निर्वासित किए जाने की तस्वीरें दुखद हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि जब भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को अमेरिका में हथकड़ी लगाई गई थी, तब अमेरिकी राजदूत से कड़ा विरोध दर्ज कराया गया था। भारत सरकार ने यूएस दूतावास से कई सुविधाएं वापस ले ली थीं।
क्या भारतीयों को भी हथकड़ी लगा कर भेजा गया?
24 फरवरी को ट्रंप की प्रेस सेक्रेटरी ने एक तस्वीर शेयर की जिसमें एक कतार में लड़कों को सेना के जहाज में ले जाया जा रहा है। इनके कमर में जंजीर बंधी हुई है, उनके हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां हैं। इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए प्रेस सेक्रेटरी ने लिखा था कि राष्ट्रपति ट्रंप दुनिया को साफ संदेश दे रहे हैं। अगर आप अवैध रास्ते से अमेरिका आएंगे तो उसके गंभीर परिणाम होंगे। ऐसे में 104 भारतीयों को लेकर अमृतसर में अमेरिकी विमान के उतरने के बाद यह सवाल उठाए जाने लगे कि जब अमेरिका ने मेक्सिको और ब्राजील के प्रवासियों के अंदाज में भेजा है तो क्या उसने भारतीयों को भी इस तरह से भेजा होगा?