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भागलपुर में PM मोदी ने कहा: पहले की तरह हम किसानों को उनके हाल पर नहीं छोड़ते…

पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बिहार के भागलपुर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का 19वां किस्त जारी किया। किसान सम्मान निधि जारी करने के बाद रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मेरा तो सपना है, दुनिया की हर रसोई में भारत के किसान का उगाया कोई न कोई उत्पाद होना ही चाहिए। इस वर्ष के बजट ने भी इसी विजन को आगे बढ़ाया है। बजट में ‘पीएम धन धान्य योजना’ की घोषणा की गई है। इसके तहत देश के 100 ऐसे जिलों की पहचान की जाएगी, जहां सबसे कम फसल उत्पादन होता है। फिर ऐसे जिलों में खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में हमने सैकड़ों आधुनिक किस्म के बीज किसानों को दिए हैं। पहले यूरिया के लिए किसान लाठी खाता था और यूरिया की कालाबाजारी होती थी। आज किसानों को पर्याप्त खाद मिलती है। हमने कोरोना के महासंकट में भी किसानों को खाद की कमी नहीं होने दी। अगर NDA सरकार ना होती तो आज भी किसानों को खाद के लिए लाठियां खानी पड़ती। NDA सरकार ना होती तो आज किसानों को यूरिया की एक बोरी 3 हजार की मिल रही होती।

प्रधानमंत्री ने कहा कि NDA सरकार भारत की गौरवशाली विरासत के संरक्षण और वैभवशाली भविष्य के निर्माण के लिए एक साथ काम कर रही है। लेकिन ये जो जंगलराज वाले हैं, इन्हें हमारी धरोहर से, हमारी आस्था से नफरत है। इस समय प्रयागराज में एकता का महाकुंभ चल रहा है। ये भारत की आस्था का, भारत की एकता और समरसता का सबसे बड़ा महोत्सव है। पूरे यूरोप की जितनी जनसंख्या है, उससे भी अधिक लोग इस एकता के महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं, लेकिन ये जंगलराज वाले महाकुंभ को गाली दे रहे हैं। राम मंदिर से ​चिढ़ने वाले लोग महाकुंभ को भी कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। मैं जानता हूं, महाकुंभ को गाली देने वाले लोगों को बिहार कभी माफ नहीं करेगा।

पीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने देश में 10 हजार FPOs (किसान उत्पादक संघ) बनाने का बड़ा लक्ष्य रखा था। आज मुझे ये बताते हुए खुशी है कि देश ने इस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। आज बिहार की भूमि 10,000वें FPO के निर्माण की साक्षी बन रही है। मक्का, केला और धान पर काम करने वाला ये FPO जिला खगड़िया में रजिस्टर हुआ है। बीते वर्षों में सरकार के प्रयासों से भारत का कृषि निर्यात बहुत अधिक बढ़ा है। इससे किसानों को उनकी उपज की ज्यादा कीमत मिलने लगी है। कई कृषि उत्पाद ऐसे हैं, जिनका पहली बार निर्यात शुरू हुआ है। अब बारी बिहार के मखाने की है। ये सुपर फूड है, जिसे अब दुनिया के बाजारों तक पहुंचाना है। इसलिए इस वर्ष के बजट में मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान किया गया है।

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