ICICI Pru Life के स्टॉक में आई तेजी, हफ्ते के पहले दिन ही शेयर में 2 प्रतिशत का उछाल आया
ICICI Pru Life stock price कारोबारी हफ्ते के पहले दिन आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के शेयरों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। सोमवार सुबह ही कंपनी के शेयर 2.09 प्रतिशत बढ़ गए हैं। खबर लिखते वक्त कंपनी का शेयर 508.70 हो गया था। कारोबारी हफ्ते के पहले दिन ही आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (ICICI prudential life insurance company ltd) के शेयर में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। आज यानी सोमवार को सुबह 10:20 बजे कंपनी के शेयर 2.09 फीसदी बढ़कर 505.35 रुपये हो गए। इस हफ्ते के पहले सत्र में ही कंपनी के शेयर में बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है।
बीएसई पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार सुबह 10:20 बजे तक कंपनी के कुल 14,661 शेयर ट्रेड कर रहे थे । इसमें शेयर के कुल टर्नओवर 0.73 करोड़ रुपये है। इस कंपनी के स्टॉक प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) मल्टीपल पर 87.53 पर ट्रेड कर रहे थे, जबकि प्राइस-टू-बुक वैल्यू रेशियो 6.21 था।
वहीं, एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 8.06 फीसदी रहा। इस सत्र के दौरान स्टॉक ने 505.75 रुपये के उच्च स्तर और 492.6 रुपये के निचले स्तर को छुआ है। ये 52-हफ्ते के उच्च मूल्य 608.65 रुपये और 52-हफ्ते के निचले स्तर 380.95 रुपये पर पहुंच गया है।
12 जून को स्टॉक का 200-डीएमए (day moving average) 472.24 रुपये पर था। जबकि 50-डीएमए 448.44 रुपये पर था।
आपको बता दें कि अगर कोई शेयर 50-डीएमए और 200-डीएमए से ऊपर कारोबार कर रहा है, तो आमतौर पर इसका मतलब है कि शेयर ऊपर की ओर जा रहा है। वहीं, अगर स्टॉक 50-डीएमए और 200-डीएमए से नीचे ट्रेड करता है, तो इसे शेयर में मंदी का होना माना जाता है। अगर कोई भी कंपनी का स्टॉक 50-डीएमए और 200-डीएमए के बीच ट्रेड करता है, तो इससे यह पता चलता है कि स्टॉक किसी भी दिशा में जा सकता है। यानी कि स्टॉक में गिरावट भी हो सकती है या फिर बढ़ोत्तरी भी हो सकती है।
कंपनी का रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 68.63 पर रहा। आरएसआई 0 और 100 के बीच झूलता है। वैसे तो कोई भी स्टॉक को अधिक खरीददार तब माना जाता है जब वह 70 से ऊपर होता है और 30 से नीचे होने पर स्टॉक को ओवरसोल्ड माना जाता है।
प्रमोटर होल्डिंग
आपको बता दें कि 31मार्च 2023 तक प्रमोटरों के पास कंपनी की 73.35 फीसदी की हिस्सेदारी थी। वहीं विदेशी निवेशकों के पास 15.2 फीसदी और घरेलू संस्थागत निवेशकों के पास 5.97 फीसदी की हिस्सेदारी थी।